क्राइम संवाददाता द्वारा
फुलवारीशरीफ (पटना)। रामकृष्ण नगर थानांतर्गत खेमनीचक के सुभाष नगर रोड नंबर तीन में संचालित देह व्यापार के अड्डे से गिरफ्तार रितेश ही गिरोह का सरगना निकला। वह झारखंड के जमशेदपुर स्थित टेल्को में इंजीनियर है। रितेश के साथ पकड़ी गई ममता उसकी सहयोगी बताई जा रही है। दोनों ने मिल कर टाटा और रांची में भी कई अड्डे खोल रखे थे। मुक्त कराई गईं छह लड़कियों में से एक नाबालिग है। वह नवादा जिले की रहने वाली है। वहीं, दो महिलाएं नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र, दो चंडी और एक पश्चिम बंगाल की हैं। रामकृष्ण नगर थाने में हुई प्राथमिकी में पास्को की धारा भी लगाई गई है। जांचकर्ता सदर एएसपी संदीप सिंह को बनाया गया है।
पूछताछ में रितेश और ममता ने बताया कि वे पांच वर्षों से अधिक समय से देह व्यापार का संचालन कर रहे हैं। दोनों ही हिलसा के रहने वाले हैं। ममता को ऐश-मौज की जिंदगी चाहिए थी, इसलिए उसने पति को छोड़ दिया और भागलपुर निवासी सुहैल के साथ रहने लगी। वह अपनी मर्जी से इस धंधे में आई थी। रितेश उसका ग्राहक था, मगर दोनों साथ मिल कर देह व्यापार का संचालन करने लगे। वे लड़कियों को डाक्टर, बिल्डर और नेताओं के पास भी भेजते थे। इस धंधे से उन्होंने काफी संपत्ति बनाई। दो लग्जरी गाड़ियों को भी पुलिस ने जब्त किया है। दोनों वाहनों पर निजी चालक थे। गिरफ्तार राहुल ममता की गाड़ी चलाता था। पुलिस ने क्षेत्र के लोगों से बातचीत की तो मालूम हुआ कि मोहल्ले वाले इनकी ठाठ-बाट देख कर दंग रहते थे।
मुक्त कराई गई नाबालिग समेत चंडी की रहने वाली दो युवतियों से पुलिस ने पूछताछ की। उन्होंने बताया कि तीनों प्रेम जाल में फंस कर यहां तक पहुंच गईं। एक लड़के ने उनसे संपर्क किया। प्यार-मोहब्बत की बातें की और शादी का झांसा देकर पटना बुलाया, फिर देह व्यापार में धकेल दिया। वहीं, हिलसा की दो महिलाओं ने बताया कि उन्होंने पति की प्रताड़ना से तंग आकर घर छोड़ दिया और जीविकोपार्जन करने के लिए धंधे में कूद गई। बंगाल की लड़की को नौकरी दिलाने का झांसा देकर देह व्यापार में लाया गया था। पुलिस को उन्होंने एक नर्सिंग होम के बारे में भी बताया, जहां के डाक्टर लड़कियों को बुलाते थे।